"नफ़रत करना" हमारे देशवसियों का सबसे प्रिय शग़ल है, शौक़ है, प्रियतम वस्तु है, जो हर चीज से प्यारी है और हर चीज पर भारी है। ~ Way To Live Life

Wednesday 1 August 2018

"नफ़रत करना" हमारे देशवसियों का सबसे प्रिय शग़ल है, शौक़ है, प्रियतम वस्तु है, जो हर चीज से प्यारी है और हर चीज पर भारी है।

True Story :

मैं अक्सर अपने काम धाम के सिलसिले में देश समाज मे घूमता रहता हूँ, मैं यह देखता हूँ के अहीर, जाट, गुज्जर, पंजाबी, ब्राह्मण, नाई, मोची, खाती, तेली मतलब ABC से XYZ तक सब आपस मे एक दूसरे से नफ़रत करने में असीम सुख की अनुभूति प्राप्त करते हैं। हालांकि सब आपस मे दोस्त भी होते हैं, एक दूसरे के काम भी आते हैं, घरों तक आना जाना भी होता है, लेन देन सब चलता है लेकिन सब निजी तौर पर। जैसे ही कलेक्टिव सोशल वैल्यू की बात आती है तो अंदर से बू(Smell) उठती है | चेहरे-मोहरे के भाव अजीब हो जाते हैं। ये हाल तो तब हैं जब 700 से 1000 साल से एक साथ जी मर रहे हैं, किसी भूतनी के ने कुछ नही सीखा।
दर असल अंदर से टूटे हुए कमजोर लोग हैं घर से बाहर निकलने में भी डरते हैं। सारा जोर अपने समाज के ही कमजोर लोगो को पीसने में लगा देते हैं। इनका डीएनए चेक करवा लो 99.99% सेम मिलेगा लेकिन .01 किसमे फालतू है पता नही। ऊपर वाले के शुक्र से मुझे इन सभी के अंदर घुसने और मिलने जुलने का मौका मिला है। सभी जात बिरादरियों के अंदर शोषण की एक भरपूर व्यवस्था है, "जलन " आहे हाय कितना खूबसूरत शब्द है, किसी के बच्चे पढ़ने में होशियार हों तो कौम पूरा जोर लगा देती है के कैसे इनका नास किया जाए।
राजस्थान में हमे एक आदमी मिला जो हमारी गाड़ी के आगे लगे लाल झंडे से कंफ्यूज हो गया और मैं और अमित भाई पेड़ की छांव में आराम कर रहे थे,वो आया और सीधे मेरे पांव दबाने का प्रयास करने लगा, बड़ी मुश्किल से हमने वो मूढ़े के ऊपर बिठाया और हम नीचे बैठे। वो रोने लग गया के मेरे 6 लड़कियां हैं और 30 एकड़ जमीन है, आप मेरे को कोई ऐसी चीज दो जिससे मेरे घर मे पुत्र उत्पन्न हो जाये।
मेरे हाथ मे मेरे नाना जी वाला गिलास था मैंने उससे कहा भाई मेरे नाना जी के 4 बेटियाँ थी, मेरे घर मे भी 2 बेटियां है।
वो किसी तरह से अपने दूसरी शादी करने वाले फैंसले पर मुहर लगवाना चाहता था। वो कई बार हंसा और कई बार रोया उसने बताया के उसके कुटुम्बी सारा दिन उसे ताने मारते हैं और हमेशा से वो चाहते थे के मैं नशे पते में लग कर अपने जीवन से विमुख हो जाऊं। आग लगे इस भाई चारे को जिसकी असलियत अंदर से ऐसी है, ये हर कौम की कहानी है, जिसको मर्जी हाथ लगा लो सड़ी पड़ी है। व्यक्तिगत रूप से बात करोगे तो व्यक्ति हीरे के समान मिलेंगे समाज में जैसे ही आप एक लेवल ऊपर से पकड़ेंगे तो अणख जाग जाएगी। नेता लोग पार्टियों में लालच रूपी गोंद से आपस मे जुड़े होते हैं उनके मुफाद अलग होते हैं सो वे इस मामले में खेलना सीख गए हैं। अंधे, लंगड़े, काणे, लूले, दिमागबन्द कौम के सिपाहियों की भर्ती 24 घण्टे खुली है हर समाज मे, गंदा बोलने के लिए फंडिंग सुख सुविधाओं का भी इंतज़ाम है।
भूतनी केयो जाग जाओ अपने अंदर इंसानियत खोजो और अपने पराये का फैंसला करने से पहले सही गलत का सवाल हल करो।
नीचे ही नीचे तुम सभी की गांठ बांधने की तैयारी चल रही है। जिस दिन गधाका उठेगा ना उस दिन कंपनियां और कॉर्पोरेशन आपकी सांसों का फैंसला करेंगी।
हमारे दुश्मन कौन हैं :
1. शुगर
2. ब्लड प्रेशर
3. कैंसर
4. अकर्मण्यता
5. अविश्वास
6. आवश्यक्ता से बहुत अधिक संचय करने
7. निंदा सुख
8. चुगली सुख
ऐसी सोच जिसमे अपनी अक्ल पर पर्दे डाल कर स्वर्ग और जन्नत के लिए जीवन जीना।
जुट जाओ काम मे भाई। कई बातें अनकही छोड़ दी हैं बस थम समझ जाइयो अपने दिलों से बूझ कर ।

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