हाल ही में हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला सबसे बड़ा और दुर्लभ पक्षी "हिमालयन ग्रिफन गिद्ध" केलिमेर वन्यजीव अभ्यारण में देखे गये हैं | हाल ही में असम में कुछ हिमालयन ग्रिफन की किसी संधिग्ध विषाक्तता के कारण मृत्यु हो गई थी|
मुख्य तथ्य -
- यह एक बड़े आकार का हल्के पीले रंग का पक्षी ही जो पुरे हिमालयन क्षेत्र में पाया जाता है |
- यह ज्यादातर तिब्बती पठार (भारत, नेपाल, भूटान, सेंट्रल चीन और मंगोलिया) पर पाया जाता है |
- यह मध्य एशियाई पहाड़ों(कज़ाकिस्तान और अफगानिस्तान के पश्चिमी क्षेत्र से लेकर चीन और मंगोलिया के पूर्वी क्षेत्र तक) लेकर चीन व मंगोलिया में पाया जाता है |
- ये हिमालय में 1200 से 5000 मी. तक की ऊंचाई पर देखे जा सकते हैं |
- ये हमेशा मरे हुए जानवरों को खाते हैं | प्राकृतिक कचरा खा कर Himalayan Griffon पर्यावरण को साफ़ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |
- भारत में इनकी 9 प्रजातियाँ पाई जाति हैं |
खतरा-
यह पक्षी विलुप्त होने को है जिसके निम्न कारण हो सकते हैं-
- मेडिसिन में प्रयोग होने वाली diclofenac से इस प्रजाति को बहुत खतरा है |
- इन पक्षियों के प्राकृतिक आवास ख़त्म हो रह हैं जिस कारण ये विलुप्त होने कि कगार पर हैं |
- इनके भोजन की कमी और प्रदूषित भोजन |
- बिजली कि लाइन्स के कारण ये पक्षी मर रहे हैं |
संरक्षण के लिए उठाये गये कदम -
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने गिद्धों के संरक्षण के लिए Vulture Action Plan 2020-2025 लांच किया है |
- भारत में इन गिद्धों की मौत के कारणों के अध्ययन के लिए पिंजौर, हरियाणा में वर्ष 2001 में Vulture Care Centre (VCC) स्थापित किया गया |
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